Rahat Indori Shayari | 51 Best Rahat Indori Shayari in Hindi

Rahat Indori Shayari

Get best Rahat Indori Shayari (1-10)

1.

ज़ुबाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे मैं कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे।

2.

जा के ये कह दो कोई शोलो से, चिंगारी से फूल इस बार खिले है बड़ी तय्यारी से बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से।

Rahat Indori Shayari
Rahat Indori Shayari | Rahat Indori Shayari in Hindi

3.

प्यास तो अपनी सात समन्दर जैसी थी, ना हक हमने बारिश का अहसान लिया।

Rahat Indori

4.

फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं।

5.

एक ही नदी के है यह दो किनारे दोस्तो दोस्ताना ज़िन्दगी से, मौत से यारी रखो।

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Rahat Indori Shayari | Rahat Indori Shayari in Hindi

6.

आँखों में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।

7.

शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं है हम आँधी से कोई कह दे के औकात में रहे।

8.

लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।

Rahat Indori Shayari in Hindi
Rahat Indori Shayari | Rahat Indori Shayari in Hindi

9.

दो ग़ज सही ये मेरी मिल्कियत तो है ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया।

10.

हर एक हर्फ का अन्दाज बदल रक्खा है आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया मेरे कमरे में भी एक ताजमहल रक्खा है।

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Rahat Indori Shayari

Best Rahat Indori Shayari (11-20)

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Rahat Indori Shayari | Rahat Indori Shayari in Hindi

11.

ना हम-सफ़र ना किसी हम-नशीं से निकलेगा हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।

12.

बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाय।

13.

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है चाँद पागल है अंन्धेरे में निकल पड़ता है।

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Rahat Indori Shayari | Rahat Indori Shayari in Hindi

14.

छू गया जब कभी ख़याल तेरा दिल मेरा देर तक धड़कता रहा। कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में और घर देर तक महकता रहा।

15.

मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को समझ रही थी की ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे।

16.

नये किरदार आते जा रहे है मगर नाटक पुराना चल रहा है।

17.

उस की याद आई है, साँसों ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनो से भी इबादत में ख़लल पड़ता है।

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18.

मैं वो दरिया हूँ की हर बूंद भँवर है जिसकी, तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।

19.

कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं, कभी धुए की तरह परबतों से उड़ते हैं, ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी, के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं…

20.

तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो फूलों की दुकानें खोलो, ख़ुशबू का व्यापार करो इश्क़ ख़ता है तो ये ख़ता एक बार नहीं सौ बार करो।

Rahat Indori Shayari

Best of Rahat Indori Shayari

21.

लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे,
पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,
उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद,
और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।

Loo Bhi Chalti Thi Toh Baad-e-Shaba Kehte The,
Paanv Failaye Andheron Ko Diya Kehte The,
Unka Anjaam Tujhe Yaad Nahi Hai Shayad,
Aur Bhi Log The Jo Khud Ko Khuda Kehte The.

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22.

अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।

Ab Na Main Hun, Na Baaki Hai Zamane Mere,
Fir Bhi MashHoor Hain Shaharon Mein Fasane Mere,
Zindagi Hai Toh Naye Zakhm Bhi Lag Jayenge,
Ab Bhi Baaki Hain Kayi Dost Puraane Mere.

23.

अब आयें या न आयें इधर पूछते चलो,
क्या चाहती है उनकी नजर पूछते चलो,
हम से अगर है तर्क-ए-ताल्लुक तो क्या हुआ,
यारो कोई तो उनकी खबर पूछते चलो।

Ab Aayein Ya Na Aayein Idhar Puchhte Chalo,
Kya Chahti Hai Unki Najar Puchhte Chalo,
Hum Se Agar Hai Tark-e-Talluq Toh Kya Hua,
Yaaro Koi Toh Unki Khabar Puchhte Chalo.

24.

हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते।

Haath Khali Hain Tere Shahar Se Jate Jate,
Jaan Hoti Toh Meri Jaan Lutate Jate,
Ab Toh Har Haath Ka Patthar Humein Pehchanta Hai,
Umr Gujri Hai Tere Shahar Mein Aate Jate.

25.

चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं,
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं,​
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश​,
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।

Chehron Ke Liye Aayine Kurbaan Kiye Hain,
Iss Shauk Mein Apne Bade Nuksaan Kiye Hain,
Mehfil Mein Mujhe Gaaliyan Dekar Hai Bahut Khush,
Jis Shakhs Par Maine Bade Ehsaan Kiye Hain.

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Rahat Indori Shayari | Rahat Indori Shayari in Hindi

26.

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,
एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तो,
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो।

Aankhon Mein Pani Rakho Hontho Pe Chingari Rakho,
Zinda Rahna Hai Toh Tarkeebein Bahut Saari Rakho,
Ek Hi Nadi Ke Hain Yeh Do Kinare Dosto,
Dostana Zindagi Se Maut Se Yaari Rakho.

27.

बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ।

Bahut Guroor Hai Dariya Ko Apne Hone Par,
Jo Meri Pyaas Se Uljhe Toh Dhajjiyan Ud Jayein.

28.

आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर,
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के।

Aate Jate Hain Kayi Rang Mere Chehre Par,
Log Lete Hain Mazaa Zikr Tumhara Kar Ke.

Rahat Indori Shayari | Rahat Indori Shayari in Hindi

29.

मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।

Maine Apni Khushk Aankhon Se Lahoo Chalka Diya,
Ik Samandar Keh Raha Tha Mujhko Paani Chahiye.

30.

हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते-जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते।

Haath Khali Hain Tere Shehar Se Jaate-Jaate,
Jaan Hoti Toh Meri Jaan Lutate Jaate,
Ab Toh Har Haath Ka Pathar Humein Pehchanta Hai,
Umar Gujri Hai Tere Shehar Mein Aate Jaate.

Rahat Indori Shayari

Best of Rahat Indori Shayari in Hindi (31-40)

31.

उसे अब के वफ़ाओं से गुजर जाने की जल्दी थी,
मगर इस बार मुझ को अपने घर जाने की जल्दी थी,
मैं आखिर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुजर जाने की जल्दी थी।

Use Ab Ke Wafaon Se Gujar Jaane Ki Jaldi Thi,
Magar Iss Baar Mujhko Apne Ghar Jaane Ki Jaldi Thi,
Main Aakhir Kaun Sa Mausam Tumhare Naam Kar Deta,
Yehan Har Ek Mausam Ko Gujar Jaane Ki Jaldi Thi.

32.

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है,
रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं,
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है।

Roj Taaron Ki Numaaish Mein Khalal Padta Hai,
Chand Pagal Hai Andhere Mein Nikal Padta Hai,
Roj Patthar Ki Himayat Mein Ghazal Likhte Hain,
Roj Sheeshon Se Koi Kaam Nikal Padta Hai.

33.

रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है

34.

मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।

35.

बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ||

36.

नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है

37.

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है|

38.

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी| 

39.

बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए
मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए|

40.

बोतलें खोल कर तो पी बरसों
आज दिल खोल कर भी पी जाए|

Rahat Indori Shayari

Best of Rahat Indori Shayari in Hindi (41-51)

41.

मैं ने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया
इक समुंदर कह रहा था मुझ को पानी चाहिए|

42.

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे|

43.

सूरज सितारे चाँद मिरे सात में रहे
जब तक तुम्हारे हात मिरे हात में रहे|

44.

कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए
चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी है| 

45.

दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए| 

46.

वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा
मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया| 

47.

ये हवाएँ उड़ न जाएँ ले के काग़ज़ का बदन
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो|

48.

ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे
नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो|

49.

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते|

50.

एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो|

51.

घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है|