9. तुम तो हारे नहीं तुम्हारा मन क्यों हारा है
Tum To Hare Nahin Tumhara Man Kyon Hara Hai | motivational poem in hindi
तुम तो हारे नहीं तुम्हारा मन क्यों हारा है?
कहते हैं ये शूल चरण में बिंधकर हम आए
किंतु चुभे अब कैसे जब सब दंशन टूट गए
कहते हैं पाषाण रक्त के धब्बे हैं हम पर
छाले पर धोएं कैसे जब पीछे छूट गए
यात्री का अनुसरण करें
इसका न सहारा है!
तुम्हारा मन क्यों हारा है?
इसने पहिन वसंती चोला कब मधुबन देखा?
लिपटा पग से मेघ न बिजली बन पाई पायल
इसने नहीं निदाघ चाँदनी का जाना अंतर
ठहरी चितवन लक्ष्यबद्ध, गति थी केवल चंचल!
पहुँच गए हो जहाँ विजय ने
तुम्हें पुकारा है!
तुम्हारा मन क्यों हारा है?
कवित्री – स्व.महादेवी वर्मा | Late Mahadevi Verma
10. वीर VEER
Best Motivational Poem In Hindi
सच है, विपत्ति जब आती है
कायर को ही दहलाती है
सूरमा नहीं विचलित होते
क्षण एक नहीं धीरज खोते
विघ्नों को गले लगाते हैं
कांटों में राह बनाते हैं
मुँह से कभी उफ़ न कहते हैं
संकट का चरण न गहते हैं
जो आ पड़ता सब सहते हैं
उद्योग-निरत नित रहते हैं
शूलों का मूल नसाते हैं
बढ़ ख़ुद विपत्ति पर छाते हैं
है कौन विघ्न ऐसा जग में
टिक सके आदमी के मग में?
ख़म ठोक ठेलता है जब नर
पर्वत के जाते पाँव उखड़
मानव जब ज़ोर लगाता है
पत्थर पानी बन जाता है
गुण बड़े एक से एक प्रखर
है छिपे मानवों के भीतर
मेहंदी में जैसे लाली हो
वर्तिका बीच उजियाली हो
बत्ती जो नहीं जलाता है
रोशनी नहीं वह पाता है
कवि – स्व.रामधारी सिंह ‘दिनकर’ | Late Ramdhari Singh Dinkar